मेरे गाये गीत
बुधवार, फ़रवरी 03, 2010
ये मेरा दीवानापन है
ये मेरा दीवानापन है - शरद के स्वर में
1 टिप्पणी:
अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’
गुरुवार, फ़रवरी 04, 2010 9:54:00 am
सुन्दर!
कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें।
सादर
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे बारे में
शरद तैलंग
सुगम संगीत गायक,व्यंग्यकार रंगकर्मी,ग़ज़लकार,कवि,आयोजक, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर,संयोजक सप्त शृंगार संस्था,
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
फ़ॉलोअर
ब्लॉग आर्काइव
▼
2010
(12)
►
जून
(3)
►
मार्च
(1)
▼
फ़रवरी
(8)
सुहानी रात ढल चुकी
मुझको इस रात की तनहाई में
आंसू भरीं हैं ये जीवन की राहें
सारंगा तेरी याद में
ये मेरा दीवानापन है
दुनिया बनाने वाले
वक़्त करता जो वफ़ा
’चौदहवीं का चाँद हो’
सुन्दर!
जवाब देंहटाएंकृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें।
सादर