मेरे गाये गीत
शुक्रवार, फ़रवरी 05, 2010
सुहानी रात ढल चुकी
सुहानी रात ढल चुकी : शरद के स्वर में
मुझको इस रात की तनहाई में
मुझको इस रात की तनहाई में : स्वर शरद तैलंग
आंसू भरीं हैं ये जीवन की राहें
आंसू भरीं हैं ये जीवन की राहें : स्वर शरद तैलंग
बुधवार, फ़रवरी 03, 2010
सारंगा तेरी याद में
सारंगा तेरी याद में - शरद के स्वर में
ये मेरा दीवानापन है
ये मेरा दीवानापन है - शरद के स्वर में
दुनिया बनाने वाले
दुनिया बनाने वाले - शरद के स्वर में
वक़्त करता जो वफ़ा
वक़्त करता जो वफ़ा - शरद के स्वर में
’चौदहवीं का चाँद हो’
’चौदहवीं का चाँद हो’ शरद के स्वर में
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मेरे बारे में
शरद तैलंग
सुगम संगीत गायक,व्यंग्यकार रंगकर्मी,ग़ज़लकार,कवि,आयोजक, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर,संयोजक सप्त शृंगार संस्था,
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मुझको इस रात की तनहाई में
आंसू भरीं हैं ये जीवन की राहें
सारंगा तेरी याद में
ये मेरा दीवानापन है
दुनिया बनाने वाले
वक़्त करता जो वफ़ा
’चौदहवीं का चाँद हो’