शुक्रवार, मार्च 05, 2010

सजनवा बैरी हो गए हमार



सजनवा बैरी हो गए हमार : शरद के स्वर में

शुक्रवार, फ़रवरी 05, 2010

सुहानी रात ढल चुकी



सुहानी रात ढल चुकी : शरद के स्वर में

मुझको इस रात की तनहाई में



मुझको इस रात की तनहाई में : स्वर शरद तैलंग

आंसू भरीं हैं ये जीवन की राहें



आंसू भरीं हैं ये जीवन की राहें : स्वर शरद तैलंग

बुधवार, फ़रवरी 03, 2010

सारंगा तेरी याद में



सारंगा तेरी याद में - शरद के स्वर में

ये मेरा दीवानापन है



ये मेरा दीवानापन है - शरद के स्वर में

दुनिया बनाने वाले



दुनिया बनाने वाले - शरद के स्वर में

वक़्त करता जो वफ़ा



वक़्त करता जो वफ़ा - शरद के स्वर में

’चौदहवीं का चाँद हो’



’चौदहवीं का चाँद हो’ शरद के स्वर में